Sunday, October 29, 2017

मत पूछो  कि मेरा क्या है; मुझे क्या करना है 
मोहब्बत की छोटी सी दुकान है नफरत के बाजार में!
बास किसी को छोटा सा चिमटा लेकर मेरे उपस्थिति की याद दिलाता रहता हूँ
किसीको अच्छा लगता है  किसीको गुस्सा भी आता है 
बास गुस्सा आया की समझ जाता हूँ 
वाहट्सएप्प का मेसेज पढ़ा भी जाता है 

न जाने  भगवान् जाने  
  कौन जाने कब कोंनसी पार्टी बदलेगा 
अपना उल्लू सीधा करेगा  
अपने स्वार्थ के लिए न जाने कितनो को बदनाम भी करेगा 
कभी किसीका चमचा इन चीफ 
कभी चमचा इन चीट 
कभी चमचा इन थीफ 
मतलबी के मतलबी प्यादे कभी इस डोर पे कभी उस डोर पे 
आज इस पार्टी में कल उस पार्टी में 
आज अंदर से एक पार्टी में दिखावे में दूसरी पार्टी में 
आज मनसे एक पार्टी दिखावे एक पार्टी से और उल्लू सीधा करेगा किसी और पार्टी से 
सो पार्टी ही पार्टी   

अपना मतलब हमेशा प्राथमिक होता है 
तुम और हम तो एक ही पार्टी वाले रहेंगे

पार्टी ना गिलास वाली 
न ग्लास वाली 
न खल्लास वाली 
एक ही पार्टी झक्कास दोस्तोकी पार्टी 
अवकाश  सावकाश विनापाश  ओनली झक्कास दोस्ती एंड फर्स्ट क्लास  

दिल की एक ही कंडीशन 
जिसमे नहीं किसी को परमिशन 
आप जैसे दोस्तों को केवल एडमिशन 
वो भी बिना डोनेशन जस्ट मेन्टेन गुड रिलेशन 




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