Friday, October 27, 2017

 पूर्वीचा काळ बाबा
खरंच होता चांगला
साधे घरं साधी माणसं
कुठे होते भक्त कुठे होती भक्ताची भक्ताभुगति कुठे होती  भक्तीची भंगार फॉरवर्ड्स ?
विनाकारण  बिना मतलब के करने वाली चमचा और अंध भक्ती केवल अनुमान पै किसी एक  करनेवाले टिका टिप्पणियों को  मेरा विरोध है
जिस भी नेता या पार्टी का जाहीरनामा वचननामा पूर्ति की मनीषा देखे  उसका पूर्व इतिहास और चालू १-२ साल का प्रतिबद्ध कार्यकर्म देखकर उचित सपोर्ट करे
बिना मतलब किसी के चरित्र  व्यव्हार पे कीचड़ उछलकर अपने उल्लू सीधा करना कितने दिन तक कर सकते हो
जहा सद्दाम हिटलर गदाफी सिकंदर मुसोलिनी से लेकर अनेक वीर का हिसाब नेपोलियन जैसा होता है भुट्टो जैसा होता है तो बुरे कर्मो का क्रेडिट डेबिट इधर ही होता है जीएसटी के साथ। ...... 

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home