Friday, October 27, 2017

वो दिन कितने अच्छे थे
जब भक्त ही  नहीं थे
सभी ख़ुशी प्यार से बोलते थे कोई
चिढ़ाने के मूड में बहुत कम होता था
आजकल भक्तो को  चिढ़ाने का आसान काम है
 खूब मजे करो
खूब चिढ़ावो
लेकिन मत भूलो की वे भी
अपने ही है
अपने ही रहेंगे !!!
🍂  शुभ सकाळ 🍂

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