मेरा कोई एजुकेशन इंस्टिट्यूट खोलना ये इरादा ही नहीं
पैसा कामना उस इंस्टिट्यूट के माध्यम से ये उद्देश्य भी नहीं था
कुछ अच्छे इंसान तैयार करना ये मन में इच्छा थी
मेरे कई विद्यार्थी जीवन में बड़े मुकाम पे पहुंचे है
और वो अभी तक मुझे आदर के साथ बोलते है यही सही काम की निशानी है
ना उनका मुझ से कोई स्वार्थ है या मेरा उनका साथ कोई स्वार्थ का रिश्ता है
ना में कोई पोस्ट पे हूँ तो मेरी चमचगिरी करके उनका कोई फायदे हो
अपने स्किल की पूरी उपयोग करके जीवन में सफल हुवे तो भी कुछ पा लिए
अपने बलबूते पे कही ऊपर पोस्ट पे है उसका मुझे अभिमान भी है
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home