आज अखबारों की हेडलाइन तक की बोली लग रही है
पत्रकारिता अब पैशन नही पैसा कमाने का साधन बन गया है..
चँनलोपर बैठे एंकर लोग उनकी बात सुनकर ऐसा लगता है
अंतरात्मा की बजाय
बैंक बैलेंस कैसे बढ़ाये
उसकी पड़ी है
बोल तोल मोल के बजाय तोल मोल अदा करके बोल ऐसा ही लोग
देशभक्ति में देश भारत के बजाय मो.शा.भक्ति हो गया है
और है भक्ति की सकती भी लग रही है
अंतरात्मा की बजाय
बैंक बैलेंस कैसे बढ़ाये
उसकी पड़ी है
बोल तोल मोल के बजाय तोल मोल अदा करके बोल ऐसा ही लोग
देशभक्ति में देश भारत के बजाय मो.शा.भक्ति हो गया है
और है भक्ति की सकती भी लग रही है
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