Friday, October 14, 2016

वक़्त के साथ कभी, रिश्ता नहीं बदला जाता ..
हर मुलाक़ात पे हमसे.. चेहरा नहीं बदला जाता !!
हम तो करते हैं सभी से, एक जैसी गुफ्तुगू ..
आदमी देख के.. हमसे लहजा नहीं बदला जाता !!
अकेले ही उठाना पड़ता है, उम्मीदों की लाश को ..
ये वो जनाज़ा है.. जिस में कंधा नहीं बदला जाता !!
ये माना के बदलना, कानून ए फितरत है मेरे दोस्त ..
पर वो बदल गया है जितना .. हमसे इतना नहीं बदला जाता
गुड वाली सुप्रभात आपका दिन शुभ हो 
 राजीव बोकरिया 

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home