Saturday, January 18, 2020

 *सट्टा  की सत्ता*
*सट्टा  की सत्ता*

*सत्ता मिलने बाद बहुत ही कम लोग अपने ध्येय या वादों के साथ नजर आते है*

*लेकिन कुछ "चाँद" निकलते है कुछ "चन्द"*

*कुछ चंदन बनते है कुछ चन्दन लगाकर चन्दन भी लगाते है*

*कुछ वादों को याद रखकर ईमानदारी से काम करते है
*राजनीती में अपने स्पर्धको की बैंड बजाने का रिवाज तो होता ही है*
*भले देफ हो या अके*
*बैंड बजाने का कोई चुकता नहीं*

*अरबिंद केहर वाल निकला*
*अरविन्द के जरिया वाल*

*काम और ईमानदारी का प्रमाण अभी तक तो पक्का है*

*लिखते टाइम तक आगे का पता नहीं विश्वास नहीं शाश्वती नहीं*
*इसीको राजनीती का प्रमाण  बन लो*    

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home