Sunday, May 21, 2017

अकड़ न करो प्यारे जिसको पाकर
 जिसे पाकर लोग अक्सर
अपनों को ही भूल जाते है...!!

🐾"लफ्ज़" ही होते हैं, इंसान का आईना
शक्ल का क्या वो तो उम्र और हालात के साथ
अक्सर बदल जाती है..🐾
 "मुस्कान" कितनी खुशनसीब है,
जिसे पाकर लोग अपनों को याद करते है..
'मीठी मुस्कान" के साथ प्यारे प्यारे "दो चार लफ्ज"
 कठीण से कठीण काम आसानी से कर देते है .

🙏🌹 🌻 सुप्रभात 🌻🌹🙏
🌹🌾 आज का दिन शुभ हो 🌾🌹
राजीव बोकरिया
      🐾शुभ सकाळ🐾

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