खामोश जनता खामोश
बैंक में पैसा रखो तो भी मुश्किल निकलना तो मुश्किल
जनता की ख़ामोशी पर मत जाओ साहब,
अंगार के ऊपर आखिर राख ही होती है
राख के नीचे अक्सर... आग दबी होती है !!
बैंक में पैसा रखो तो भी मुश्किल निकलना तो मुश्किल
जनता की ख़ामोशी पर मत जाओ साहब,
अंगार के ऊपर आखिर राख ही होती है
राख के नीचे अक्सर... आग दबी होती है !!
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