शनि और मंगल की वृश्चिक राशि में २६ तारिख को युति हो रही है
जो भारत की कुंडली के सप्तम स्थान में होने वाली है जो चतुर्थ स्थान में भ्रमण करनेवाले लग्नेश शुक्र और सूर्य राहु को शनि पूर्ण दृष्टि देख रहा है जो लग्नेश छतिग्रस्त साथ में क्रूर गृह रवि और छद्मी कपटी राहु के साथ जो कुछ अच्छा फल नहीं प्रतीत कर रहा है
२६ तारिख का मेष का चंद्र को शनि और मंगल आठवे होकर क्षति की सुचना प्रदान तो कर रहे है
क्षति इंसान की भी हो सकती कोई छल कपट का सामना करना नहीं पड़ा तो गुरु महाराज की लग्न पे दृष्टी को धन्यवाद् देना पड़ेगा
बाकि भाग्यवान और भगवान् जो भी करता है वह अच्छे के लिए ही करता है चाहे अच्छाई का पुरस्कार हो या बुराई का दंड
जो भारत की कुंडली के सप्तम स्थान में होने वाली है जो चतुर्थ स्थान में भ्रमण करनेवाले लग्नेश शुक्र और सूर्य राहु को शनि पूर्ण दृष्टि देख रहा है जो लग्नेश छतिग्रस्त साथ में क्रूर गृह रवि और छद्मी कपटी राहु के साथ जो कुछ अच्छा फल नहीं प्रतीत कर रहा है
२६ तारिख का मेष का चंद्र को शनि और मंगल आठवे होकर क्षति की सुचना प्रदान तो कर रहे है
क्षति इंसान की भी हो सकती कोई छल कपट का सामना करना नहीं पड़ा तो गुरु महाराज की लग्न पे दृष्टी को धन्यवाद् देना पड़ेगा
बाकि भाग्यवान और भगवान् जो भी करता है वह अच्छे के लिए ही करता है चाहे अच्छाई का पुरस्कार हो या बुराई का दंड
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home