Wednesday, August 10, 2016

तकदीर ने जिन्दगी की उलझनों को  कम क्या कर दी 
हमारी शरारते बढ़ गयी
लोग समझने लगे हैं कि हम कार्य कुशल है 

हम खुदको कर्तुत्ववान  समझ ने लग गये 
हार्ड वर्क ९९% नसीब १%   समझने लगे
नसीब की किम्मत कम समझने चालू कर गए 
जब तकदीर लिखनेवाले ने आपके तकदीर  लिखते टाइम ही १०-२०% तकलीफ लिख दी तो तकदीर को तुच्छ समझने लगे 
हेरिफेरी करके यश मिलने लगा तो नसीब अच्छा 
चोरी करके पकडे ना जाना उसके लिए नवस भगवान को ऑफर देने लगे 
एक बार तकदीर की थप्पड़ पड़ी तो नानी याद आ गयी 

( मेरे एक कर्तृत्ववान दोस्त को समर्पित जिसका हमेशा हार्ड वर्क की  पे गुमान था आज चकनाचूर होकर कुंडली देख मेरे दिन क्यों ख़राब हो गए करके आ गया नसीब ९९% हार्ड वर्क १% मान गया है )

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