Friday, June 10, 2016

क्या राज है ?
गैस पेट्रोल दाल कीमतें थोड़ी सी बढ़ी नहीं की रास्ता रोको  गांव बंद  देश बंद करानेवाले  आज  महीने में ३ बार पेट्रोल के भाव बढ़ने पे शांत क्यों ??   आम आदमी की रेल का किराया बढ़ने  पे राजधानी एक्सप्रेस के सामने सोने वाले  गायब क्यू ?? .... क्यों बदल गए लोग 
देश बदल रहा है का गाना  रोज सुन रहे है। ...... लेकिन देशवासी ज्यादा बदल रहे है   मोदी बदल रहे है और  भाजपावाले (जनसंघ +आयाराम +गयाराम +चापलूस राम + मतलबी राम ) ही ज्यादा बदल रहे है   ..... भक्त तो २०१३-१४ पे पैदा हुवे लेकिन  मेरे जैसे पुराने जनसंघी को बड़ा अचरज हो रहा  क्या बदल रहा   .... क्या मस्त पलटी मार रहे है कल्टी मार रहे है  ....   
बांग्ला देश को कुछ गांव देना लेना का निर्णय 
UPA के टाइम पुरे जश्न से विरोध किया अभी  पुरे कॉलर टाइट करके कर दिया 
आधार कार्ड 
जी इस टी 
ऍफ़ डी आय 
न्यू क्लियर डील  ....... अभी एकदम क्लियर डील क्यों  अभी क्लियर तारीफ  
ऐसी क्या मजबूरियां थी मोदी जी की जो गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए हर चीज़ में अडंगा लगाते थे और अब उन्ही योजनाओं को पूरे मन से लागू कर रहे हैं
भारत के बहार के दिन.....  उस डील की वजह से आएंगे ""गुणगान करनेवाले"  पिछले इतिहास में कट्टर विरोधी भूमिका लेकर अड़ंगा डालते हुवे दिखे थे    .


लेकिन अभी शक हो रहा है यह वही सी एम  मोदी है   या 
प्रधान मंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नाम से पुरे पिछले सरकार अटके हुए  भाजपा ने अटकाए हुए रोड़े डाले हुए सभी कैसे क्या विधेयक एकदम विधायक और तारीफे काबिल क्यों  कैसे हुवे ??

क्या गेम है 

२००४ से यूपीए की केंद्र की सरकार बनने बाद मोदी की गुजरात के मुख्यमंत्री पद या ३५६ कलम के कार्रवाई के तहत सरकार गोधरा एवं दंगल की कारन कभी भी बर्खास्त क्यों नहीं हो गयी थी ??


 देश बदल रहा है का गाना  रोज सुन रहे है। ...... लेकिन देशवासी ज्यादा बदल रहे है   मोदी बदल रहे है जनसंघी तो भी बदल रहे है क्या ?? भाजपा में अनेक संधि साधु  पलटीमार  उडी मार  कल्टी मार  कांग्रेस सपा बसपा तथा शिवसेना से भी आ गए  जो पुराने जनसंघी अभी "एंटिक" हो गए है क्या  ???
 जनसंघी भी बदल रहे है क्या ??

सोच ते ही रह जाओगे  ना ? कल सुबह तक  
कुछ अंदाजा लगते रहो दोस्तों   कुछ गूगलगिरी करो  कुछ याहूगिरी भी करो  कुछ बिंग करो कुछ सैराट कुछ जिंगाट  अंदाजा लगाओ   फिर चाहे तो सो जाओ  शायद नींद में या सपने में   जवाब सही में दे जाय 


शुभ रात्रि  गुड नाईट शबब्खेर  
राजीव बोकरिया

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