Monday, April 2, 2018

*पक्ष छोड़ना बदलना तोडना सीजन स्टार्ट हो गया*
*कोई भी कार्यकर्ता अपने विरोधी पार्टी  के नेता की खिचाई ज्यादा ना करे*
*क्यों की आपके नेता रातोंरातो उनकी निष्ठां बदल सकते है*
*भले ही आप अपनी निष्ठां पे कायम हो*


*मतलब अपना एक ही रखो चमचागिरी करो*
या
*उल्लू बनो  उल्लू बनाओ*
*दो चार हजार रुपये रोज पड़ना चाहिए मेहनताना*
*नोट : में कोई भी पार्टी का सदस्य नहीं हूँ  भले ही जिनकी खिचाई  जोर में करता हूँ उसी पार्टी के अनेक कार्यकर्ता मेरे करीबी दोस्त है* 

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