Sunday, January 22, 2017

दुआ और बददुआ का हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा रोल है ।
कर्म आचरण का रोल भी होता है

लेकिन सब से बड़ा नसीब होता है 
कई गुनाह करनेवाले राज्यकर्ता बन सकते है और उनके नसीब में पकडे जाना भी लिखा नहीं होता तो हजारो कत्तल आम करने बावजूद लोग उसने पूज्यनीय मान लेते है 
हर एक की बात नसीब पे अटकती है 
भगतसिंह अंग्रेजो के लिए आतंकवादी थे लेकिन हिंदुस्तानी लोगो के लिए स्वतंत्रता सेनानी 
सब से बड़ा नसीब होता है
सुविख्यात होना और कुविख्यात होना दोनों का नसीब में लिखा होना जरूरी है  

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