सिद्धांतो को ऐसी की तैसी
झूठ का गुमान, शान की हवस, फड़फड़ाते है दर्जनभर दुर्जन को साथ, जाहिरात करके ही सब कमीने। ...
मैं सज्जन हुवा हूँ, मैं जनता के लिए ये कर रहा हूँ वो कर रहा हूँ ऐसा बताना क्यों पड़ता है
ढिंढोरा क्यों पीटना पड़ता है
सज्जन को अपनी सज्जनता का दिखावा नहीं करना पड़ता
कामयाबी और ठगी का फर्क,
आसानी से बाज नहीं आता
गीले चने डिब्बे के अंदर आवाज नहीं करते सूखे चने जरा ज्यादा ही आवाज करते है ..
कमीनो को हर चौक में लटककर मैं अभी सज्जन हवा ये तो दिखावा करना पड़ता है
कभी तो जरासा सर्च रिसर्च करो....
शुप्रभात जयजिनेन्द्र आपकी मुस्कान में आज बढौत्री हो राजीव बोकरिया 😊🙏
झूठ का गुमान, शान की हवस, फड़फड़ाते है दर्जनभर दुर्जन को साथ, जाहिरात करके ही सब कमीने। ...
मैं सज्जन हुवा हूँ, मैं जनता के लिए ये कर रहा हूँ वो कर रहा हूँ ऐसा बताना क्यों पड़ता है
ढिंढोरा क्यों पीटना पड़ता है
सज्जन को अपनी सज्जनता का दिखावा नहीं करना पड़ता
कामयाबी और ठगी का फर्क,
आसानी से बाज नहीं आता
गीले चने डिब्बे के अंदर आवाज नहीं करते सूखे चने जरा ज्यादा ही आवाज करते है ..
कमीनो को हर चौक में लटककर मैं अभी सज्जन हवा ये तो दिखावा करना पड़ता है
कभी तो जरासा सर्च रिसर्च करो....
शुप्रभात जयजिनेन्द्र आपकी मुस्कान में आज बढौत्री हो राजीव बोकरिया 😊🙏
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